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विधायक कुणाल ने गिनाए भाजपा के 225 घोटाले, भाजपा बोली कांग्रेस की रग रग में घोटाला

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MP Politics : चुनावी साल में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस एक दूसरे पर लगातार जुबानी वार करते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने भाजपा सरकार को घोटालों की सरकार करार देते हुए उसके कार्यकाल में हुए 225 घोटालों की सूची जारी की है। इस पर प्रति उत्तर देते हुए भाजपा ने कांग्रेस को ही घोटालेबाज पार्टी करार दिया है।

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एमपी पीसीसी में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर 18 साल से चल रही भाजपा की प्रदेश सरकार पर 225 घोटाले करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने इसकी सूची भी जारी की। कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने पलटवार किया। विधायक कुणाल चौधरी और कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने शिवराज सरकार में हुए घोटालों की जानकारी दी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कोविड काल की आपदा को जनता की लूट का अवसर बना दिया। चौधरी ने बताया कि FAQ के नाम पर उपार्जन बंद कर किसानों के साथ ज्यादती की जा रही है। मिट्टी खरीदने वाली सरकार गेहूं नहीं खरीद पा रही है। जिन किसानों को नैनो यूरिया की जरुरत नहीं है, उन्हें भी जबरदस्ती यूरिया के साथ थमाया जा रहा है। निजी कंपनियों से सांठगांठ के कारण किसान को मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है। यह मध्यप्रदेश में घोटालों की निरंतरता है।

हर महीने एक घोटाला

विधायक कुणाल ने कहा कि मध्यप्रदेश में 215 महीने की भाजपा सरकार ने 200 से ज्यादा घोटाले किए हैं, हर महीने एक घोटाला मध्यप्रदेश की पहचान बना दी गई है। कोविड काल में अस्पताल में बिस्तर पाने के लिए भी मरीजों को कई गुना कीमत चुकानी पड़ी और बदले में मिली उन्हें मौत।

भाजपा बोली- कांग्रेस ने घोटाले ही घोटाले किए

कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि आजादी के बाद घोटालों में कांग्रेस खेली-पली है। कांग्रेस ने 70 साल में घोटाले ही घोटाले कर डाले, इसलिए उसको हर तरफ घोटाले ही नजर आते हैं। यह भाजपा की वो सरकार है जिसने लीकेज बंद किए हैं। इसलिए कांग्रेस लोगों के साथ खड़ी नजर नहीं आती है। यह घोटाले झूठ नाथ की कांग्रेस में दिख रहा है।

आपदाओं से लड़ने में सरकार असफल

विधायक कुणाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सैकड़ों फर्जी नर्सिंग होम रातों-रात पैदा हुए, जहां न डॉक्टर थे न इलाज की व्यवस्था, मगर सरकार से अनुबंध जरूर था। बाद में खुद सरकार ने कहा कि इन अस्पतालों में कुछ नहीं था। एक चिकित्सक 20-20 अस्पतालों में दिखाया गया था। भ्रष्टाचार और मिलीभगत का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है? मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में 5 महीने में ही सामान्य से 54 प्रतिशत अधिक लगभग 3 लाख लोगों की मृत्यु हुई, क्या यह सामान्य घटना है? जन स्वास्थ्य देने में आपदाओं से लड़ने में सरकार पूरी तरह असफल रही।

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कोविड कर्फ्यू में भी दुष्कर्म

जब कोरोनाकाल में कर्फ्यू जैसा वातावरण था, चप्पे-चप्पे पर पुलिस थी तब भी दुष्कर्म का सिलसिला खत्म नहीं हुआ। गोविंदपुरा थाने से चंद कदम दूर शासकीय अस्पताल तक में बच्चियां दुराचार की शिकार हुईं, क्या इसी मध्यप्रदेश को बेमिसाल बताया जा रहा है?

लुटेरी बनी आयुष्मान योजना

भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि गरीबों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से फ्री स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करने वाली सरकार ने खुद ही सैकड़ों अस्पतालों को आयुष्मान घोटाले में पकड़ा है। फर्जी मरीजों के नाम पर करोड़ों रुपया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। सरकार खुद स्वीकार कर रही कि प्रदेश में बिना शिक्षकों के नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। एक ही प्रिंसिपल 10-10 कॉलेजों में अपना नाम लिखवाए हुए है। हजारों नर्सिंग के विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो गया है। प्रति नर्सिंग होम संख्या बढ़ाने के नाम पर लाखों रुपए वसूली के आरोप हैं। उच्च न्यायालय के दखल पर इनकी मान्यताएं रद्द करनी पड़ीं हैं। लुटेरे नर्सिंग कॉलेज अपने विद्यार्थियों की उपस्थिति का रजिस्टर उच्च न्यायालय को नहीं दिखा पा रहे हैं।

बांध घोटाला-कारम बांध, भाम बांध, बुदेलखंड पैकेज बांध

सिंचाई के लिए बनाए जा रहे बांधों की गुणवत्ता के सारे मापदंड भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए। सरकार की आंखों के सामने बांध बनाने के काम सबलेट कर दिए गए। बांध तोड़कर पानी बहाना पड़ा और बांध मरम्मत करने का काम फिर से ब्लैक लिस्टेड लोगों को दे दिया। यूपीए सरकार के बुंदेलखंड पैकेज से भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए आधे बांध पहली ही बारिश में बह गए।

ई-टेंडर घोटाला

भाजपा राज में ई-टेंडर घोटाले के बारे में तो सभी जानते हैं, किस तरह हजारों करोड़ों रुपए के काम अपने चहेतों को दे दिए गए, लेकिन अब तो जिस डिजिटल प्लेटफार्म से प्रदेश को ईमानदार बनाने के दावे सरकार कर रही थी, उसी डिजिटल तरीके से जीपीएफ का पैसा सरकारी कर्मचारी चुरा कर अपने खाते में जमा कर रहे हैं। करोड़ों का धोखा अपने ही कर्मचारियों के साथ हो रहा है। योजनाओं में हितग्राहियों का पैसा कर्मचारियों के खाते में जा रहा है।

इंदौर में बेलदार के घर ईडी ने पकड़ी करोड़ों की संपत्ति

इंदौर नगर निगम के एक बेलदार के घर 2 किलो सोना और करोड़ों की संपत्ति पकड़ी गई, वह भवन अनुज्ञा शाखा में दखल रखता था, सस्पेंड होता था बहाल होता था, अंततः उसके घर ईडी को छापा मारना पड़ा। ईडी को उसकी संपत्ति अटैच करनी पड़ी। यह मध्य प्रदेश के भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान है।

बेटों के लिए प्रदेश कुर्बान

एक निगम अधिकारी ने अपनी प्री-मैच्योर एफडी इसलिए तोड़ दीं, ताकि अपने बेटे के बैंक में एफडी करा सके, तो दूसरे प्रमुख अभियंता ने अपने बेटे को ही लैब टेस्ट कराने का अपने ही विभागाध्यक्ष में ठेका दे दिया। भाई भतीजावाद से बेटों, रिश्तेदारों को सरकार का माल साइफन करने का षड्यंत्र चल रहा है। आदिवासियों की योजना सामान्य वर्ग को केंद्र सरकार की कई योजनाओं में जो पैसा विशेष आदिवासी जनजाति समूहों के लिए आया था, उसे ब्राह्मण, वैश्य, ठाकुर और ओबीसी में भी बांट दिया गया। करीब 110 करोड़ के ये घोटाले जांच में आने के बाद भी जिम्मेदार मौज कर रहे हैं।

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