MP board paper leak
MP board paper leak

भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक के मामले थम नहीं रहे हैं। सोमवार को कक्षा दसवीं का विज्ञान का पेपर था। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल सेलवाड़ा में सुबह परीक्षा शुरू होने के 13 मिनट पहले 8 बजकर 47 मिनट पर पेपर का फोटो वायरल हो गया।

बताया जा रहा है कि चपरासी के मोबाइल से यह पेपर वायरल किया गया है। वहीं मुरैना के जौरा स्थित सेन्ट्रल अकादमी निजी विद्यालय में एक शिक्षक ने अपने बहनोई को कुछ प्रश्र-उत्तर पर्ची पर लिखकर व्हाट्सएप कर दिए। इसके साथ ही यहां स्कूल संचालक की मिलीभगत की बात कही जा रही है।

हालांकि दोनो मामलों में संबंधित जिलों के कलेक्टर द्वारा मौके पर टीम भेजकर जांच कराई गई। इसके साथ ही संबंधित शिक्षकों और अन्य को निलंबित करने के साथ ही इसके विरूद्व कार्रवाई शुरू हो गई है। मामले में अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा केंद्रो पर विद्यार्थी सुबह 8:30 पर अंदर पहुंच चुके होते हैं, ऐसे में इसका किसी को लाभ मिलना संभव ही नहीं है।

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पेपर के लिफाफे को समय से पहले ही खोल लिया –

सुबह 9 बजे जौरा के सेंट्रल अकादमिक हायरसेकंडरी स्कूल में ब्लाक शिक्षा अधिकारी निरीक्षण पर पहुंचे। इस दौरान पेपर लिफाफे पर केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक के हस्ताक्षर नहीं मिले, यानी पेपर के लिफाफे को समय से पहले ही खोल लिया गया। बीईओ को कुछ शिक्षकों के पास मोबाइल दिखे। पेपर लीक के संदेह पर सूचना जिला शिक्षा अधिकारी व कलेक्टर को दी। सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे।

पूछताछ में पता चला कि बोर्ड परीक्षा के पर्यवेक्षक राकेश रावत ने सबलगढ़ निवासी बहनोई के वाट्सअप पर कुछ प्रश्न-उत्तरों के फोटो खींचकर भेजे हैं। जांच में केंद्राध्यक्ष प्रताप सिंह नरवरिया, सहायक केंद्राध्यक्ष भूपेंद्र यादव के अलावा दो अन्य पर्यवेक्षक पवन शर्मा एवं गोपालकृष्ण पाराशर की भूमिका भी संदिग्ध मिली। पांचों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

भोपाल में विद्यासागर स्कूल के केन्द्राध्यक्ष व सहायक केन्द्राध्यक्ष को निलंबित

लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) आयुक्त अभय वर्मा ने शनिवार को हुए विद्यासागर हायर सेकंडरी स्कूल में पेपर लीक मामले में केन्द्राध्यक्ष राजकुमार सक्सेना और सहायक केन्द्राध्यक्ष रेखा गोयल के निलंबन कर दिया है। इसके आदेश सोमवार को जारी किए गए हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना द्वारा आयुक्त को भेजे पत्र में केन्द्राध्यक्ष और सहायक केन्द्राध्यक्ष पर आरोप है कि एग्जाम सेंटर में मोबाइल प्रतिबंधित होने के बाद भी ले जाने दिया गया। इस लापरवाही का लाभ उठाते हुए पर्यवेक्षक विश्वनाथ सिंह तथा पवन सिंह द्वारा अपने मोबाइल से फोटो खींचकर परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र – छात्राओं को उनके मोबाइल पर भेजे गए हैं। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल संभाग रहेगा एवं निलंबन काल में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। में

प्रदेशभर में अब तक 33 व्यक्तियों की गिरफ्तारी, कार्रवाई जारी

मामले में दूसरी ओर कथित पेपर लीक कांड और परीक्षाओं में गोपनीयता व विश्वसनीयता को बनाए रखने में केंद्राध्यक्षों व सहायक केंद्राध्यक्षों की घोर लापरवाही उजागर होने के बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई भी जारी है। अब तक अलग-अलग जिलों में 33 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और उनपर कार्रवाई की गई है।

वहीं मामले में मंडल ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें प्रश्न-पत्र मण्डल के वास्तविक प्रश्न-पत्रों से भिन्न है। उक्त के अतिरिक्त कतिपय स्थानों पर प्रश्न-पत्र, परीक्षा केन्द्रों पर छात्र-छात्राओं के प्रवेश एवं उपस्थित हो जाने और प्रश्न-पत्रों के सीलबंद पैकेट खोलें जाने के पश्चात् गोपनीयता भंग कर, सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्रों को वायरल करने का समय इतना अधिक नहीं है, कि उससे किसी को अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो सकें।

अत: यह कहना उचित नहीं है कि मण्डल की परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र लीक हुए हैं। मंडल ने विद्यार्थियों से अपील की है कि कतिपय असामाजिक तत्वों अथवा सोशल मीडिया के माध्यम से प्रश्न पत्र संबंधी किसी भी भ्रामक जानकारी से दूर रहकर परीक्षाओं की तैयारी करें।